Monday, December 8, 2014

माध्यमिक व बेसिक शिक्षा के आयोजनों में शामिल हो सकेंगे मदरसा छात्र

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा परिषद के विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेने की इजाजत दे दी है। यानी अब मदरसों के बच्चे भी शैक्षिक, सांस्कृतिक व खेलकूद आदि प्रतियोगिताओं में शामिल हो सकेंगे।
सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। इसके तहत अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला क्रीड़ा अधिकारी से समय-समय पर संपर्क करते रहेंगे। निर्देश में कहा गया है कि इनके नियंत्रण में होने वाले विभिन्न आयोजनों की जानकारी न सिर्फ मदरसों को दी जाए बल्कि वहां के छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल भी करवाया जाए।
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भी अपने स्तर से समन्वय स्थापित कर मदरसों के छात्र-छात्राओं को विभिन्न आयोजनों में शामिल करवाएं। इससे इन छात्रों का भी चौमुखी विकास हो सकेगा।
शैक्षिक, सांस्कृतिक व खेलकूद में मिलेगी हिस्सेदारी

Thursday, December 4, 2014

भाषा प्रशिक्षुओं का धरना आमरण अनशन करेंगे


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इलाहाबाद : बीटीसी 2011 अभ्यर्थियों की तर्ज पर अब भाषा प्रशिक्षु भी आंदोलन की राह पर हैं। भाषा शिक्षक बनने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर बुधवार को प्रशिक्षुओं ने धरना-प्रदर्शन कर आमरण अनशन करने का अल्टीमेटम दिया है। भाषा प्रशिक्षुओं का कहना है कि बेसिक शिक्षा परिषद उच्च प्राथमिक स्कूलों में जिस तरह गणित-विज्ञान शिक्षकों की नियुक्ति कर रहा है उसी तरह भाषा एवं सामाजिक अध्ययन की सीधी भर्ती की जाए। यही नहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुए चार वर्ष बीत रहे हैं अब तक मानक पूरा करने के लिए भर्ती नहीं हुई है, जबकि कला वर्ग के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की तीन बार टीईटी परीक्षा भी कराई जा चुकी है। बुधवार को प्रशिक्षुओं ने शिक्षा निदेशालय में धरना दिया। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने आश्वस्त किया कि उनकी बात शासन तक पहुंचाएंगे इस वादे के बाद भी अभ्यर्थी धरने पर डटे रहे। तब पुलिस के अफसरों ने अभ्यर्थियों से कहा कि उनकी बात जब सुनी जा रही है तो आंदोलन नहीं करना चाहिए। यदि आमरण अनशन करना है तो डीएम का आदेश लेकर आएं। कुछ अभ्यर्थियों ने इस प्रकरण को हाईकोर्ट ले जाने के लिए धन देकर मदद की। अभ्यर्थियों ने अफसरों को अल्टीमेटम दिया है कि दस दिसंबर तक भर्ती का विज्ञापन न निकाला गया तो आमरण अनशन करेंगे। धरने में अमित यादव, सुनील शुक्ला, वीपी सिंह, प्रतिमा यादव, विकास यादव आदि मौजूद थे।